स्कूल रोपेन दिशानिर्देश: 21 सितंबर से कक्षाएं शुरू करने की योजना बनाने वाले राज्यों की सूची. भारत के कौन से राज्य 21 सितंबर से स्कूलों को फिर से खोल रहे हैं, कौन से नहीं हैं? जानिए इसके बारे में यहां।
जैसा कि भारत ने धीरे-धीरे अनलॉक किया, केंद्र सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों को कक्षाओं के एक विशेष सेट के लिए फिर से खोलने की अनुमति दी थी।
Rajasthan me School Kab Khulenge 2020 latest News Today कोरोनावायरस के कारण मार्च से बंद चल रहे स्कूल अब 21 सितंबर से दोबारा खोल सकेंगे. फिलहाल इन्हें आंशिक तौर पर 9वीं से 12वीं कक्षा तक खोलने की इजाजत दी गई है. इसको लेकर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देश यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी कर दिया है. इसके अनुसार यह छात्रों पर निर्भर करेगा कि वे स्कूल जाना चाहते हैं या नहीं जाना चाहते हैं. स्कूल जाने के लिए उन्हें अपने मां-बाप या अभिभावकों की लिखित मंजूरी लेनी होगी. मंत्रालय ने कहा स्कूल अपने यहां पढ़ाई शुरू करने का फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। कक्षाएं अलग-अलग टाइम स्लॉट में चलेंगी और कोरोना के लक्षण वाले छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा 21 सितंबर से स्कूल और कॉलेज खोलने के लिए दिशानिर्देश जारी करने के बाद, राज्य सरकारों ने भी इसके लिए नियम और कानून बनाने शुरू कर दिए हैं।
“कक्षा 9 से 12 के छात्रों को अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए, स्वैच्छिक आधार पर, कंटेनर ज़ोन के बाहर के क्षेत्रों में अपने स्कूलों का दौरा करने की अनुमति दी जा सकती है। यह उनके माता-पिता या अभिभावकों की लिखित सहमति के अधीन होगा,” एमएचए दिशानिर्देशों में कहा गया है।
21 सितंबर से नहीं खुलेंगे स्कूल : राजस्थान में कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूल 21 सितंबर से नहीं खुलेंगे. सिर्फ बच्चे पेरेंट्स की लिखित अनुमति से गाइडेंस के लिए जा सकेंगे. केंद्र सरकार की एसओपी के बाद राज्य सरकार ने भी स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पष्ट किया कि केंद्र की गाइड लाइन में स्कूल में बच्चे सिर्फ गाइडेंस के लिए जाने का जिक्र है. 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूल हमेशा की तरह नहीं खुल रहे हैं. डोटासरा ने बताया कि केंद्र सरकार के s.o.p. में कहीं भी क्लास लगाने के आदेश नहीं हैं. स्कूल कितने महीने चलेंगे या सेशन जीरो घोषित होगा. इस पर फैसले के बगैर निर्णय लेना मुश्किल है कि सिलेबस 30 फीसदी कम किया जाए या फिर 70 फीसदी.
- फेस मास्क पहनना अनिवार्य.
- 6 फुट की दूरी रखनी होगी.
- निरंतर हाथ धोना एवं सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा.
- भोजन करते हुए और छींकते समय मुंह और नाक को ढकना होगा.
- थूकना मना होगा.
- स्वास्थ्य की self-monitoring जरूरी है और जैसे ही तबीयत में कुछ खराबी हो तुरंत रिपोर्ट करें.
- जहां संभव हो आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने की सलाह दी जाए.
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राजस्थान में स्कूल जितने लेट खुलेंगे उतने ही कार्य दिवस में कमी की जाएगी. इसके साथ ही सिलेबस में भी उतनी ही कमी की जाएगी. ऐसे में शिक्षा विभाग आगामी कार्य दिवस के हिसाब से पाठ्यक्रम में कटौती करने जा रहा है. अर्थात यदि अगले 4 महीने में स्कूल नहीं खुलते हैं तो कितना सिलेबस कम किया जाए. इसकी तैयारी अभी से शुरू हो गई है. स्कूल शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने आरएससीईआरटी एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को फिर से संशोधित निर्देश भेजे हैं. आरएससीइआरटी कक्षा 1 से 8 के लिए और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कक्षा 9 से 12 के लिए कार्य दिवस के अनुपात में सिलेबस कम करेगी. अर्थात जितनी ज्यादा स्कूल लेट खुलेगी, उतना ही सिलेबस कम किया जाएगा.
यह सावधानिया रखनी होंगी –
- छात्रों के बीच कक्षा और लैब में 6 फीट व मास्क जरूरी होंगे.
- ऑनलाइन /डिस्टेंस लर्निंग की अनुमति तब भी जारी रहेगी.
- क्लासेज के बाहर भी टीचर और छात्रों के बीच बातचीत हो सकती है. सभाएं, स्पोर्ट्स एक्टिविटी जैसे इवेंट नहीं होंगे.
- आगंतुकों और छात्रों-शिक्षकों में भेंट अलग-अलग वक्त होगी.
- स्कूल अधिकतम 50% टीचिंग नॉन टीचिंग स्टाफ बुला सकेंगे.
- इमरजेंसी के लिए स्कूलों में स्टेट हेल्पलाइन नंबरों के अलावा स्थानीय स्वास्थ्य अफसरों के नंबर डिस्प्ले होंगे.
- पल्स ऑक्सीमीटर व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए.
- सफाई कर्मी को थर्मल गन, डिस्पोजल पेपर टॉवेल, साबुन 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन अवश्य देना होगा.
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फिलहाल यहां हम आपको एक संभावित कार्य दिवस बता रहे हैं कि किस तिथि को स्कूल खुलने पर कितने दिनों के कार्य दिवस के लिए स्कूल चलेंगे. यहां पर बोर्ड क्लास और बिना बोर्ड क्लास दोनों के लिए अलग-अलग कार्य दिवस बताए गए हैं.
सरकारी स्कूलों में फिर बदल रही है पोशाक
3 साल बाद फिर से सरकारी स्कूलों के करीब 75 लाख बच्चों की पोशाक बदलेंगे. इससे पहले भाजपा सरकार ने 2017 में ड्रेस बदली थी. छात्रों के लिए कथई रंग की पेंट, हल्के भूरे रंग की शर्ट. छात्राओं के लिए सलवार या स्कर्ट एवं चुन्नी कत्थई रंग की, कुर्ता व शर्ट हल्के भूरे रंग का है. डोटासरा ने पोशाक में परिवर्तन के संबंध में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं.